कोरोना वायरस: प्रवासी मजदूरों को छोड़ने गए हरियाणा रोडवेज के 1000 से ज्यादा कर्मी एकांतवास में

 


कोरोना वायरस: प्रवासी मजदूरों को छोड़ने गए हरियाणा रोडवेज के 1000 से ज्यादा कर्मी एकांतवास में


हरियाणा परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभाग ने 28 मार्च को उत्तर प्रदेश में मजदूरों को छोड़ने गए रोडवेज कर्मचारियों के लौटने पर स्वास्थ्य की जांच ही नहीं कराई। रोहतक डिपो की 100, सोनीपत की 153, पानीपत की 75, फरीदाबाद की 125, गुरुग्राम की 100, पलवल की 75, नूंह की 75, झज्जर की 125, रेवाड़ी की 100 व जींद डिपो की 34 बसें उत्तर प्रदेश गई थीं। इनमें से रोहतक व झज्जर डिपो के ही कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच कराई गई है।


 

अन्य डिपो के लगभग 1000 कर्मचारी जांच न कराए जाने के बावजूद एहतियात के तौर पर एकांतवास में चले गए हैं। कर्मचारियों में विभाग के प्रति नाराजगी भी है। रोडवेज कर्मचारियों को 28 मार्च रात 9:30 बजे अचानक ड्यूटी पर बुलाया गया था। विभागीय अधिकारियों ने उन्हें बस लेकर दिल्ली जाने के आदेश दिए। दिल्ली पहुंचने पर उन्हें आनंद विहार बस स्टैंड से बाहरी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया।

हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनियां, उप महासचिव बलबीर जाखड़, प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा एवं राज्य कार्यालय सचिव जयकुंवर दहिया ने बताया कि रोडवेज कर्मचारियों का उत्पीड़न हुआ है। उनके साथ ज्यादती की गई। न तो बसों में उत्तर प्रदेश सरकार ने 95 लीटर तेल डलवाया, न 1000 रुपये चालक को दिए। कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच भी नहीं करवाई। सरकार से आग्रह है कि मजदूरों को छोड़ने गए सभी कर्मचारियों की जांच हो।